Citrine Bracelets
सिट्रीन ब्रेसलेट धारण के क्या फायदे हैं?
1. सकारात्मकता और खुशी को बढ़ावा देता है:
माना जाता है कि सिट्रीन में एक उज्ज्वल और उत्थानशील ऊर्जा होती है जो सकारात्मकता, खुशी और खुशी की भावनाओं को बढ़ावा देती है। ऐसा कहा जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को छोड़ने और आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान की भावनाओं को बढ़ावा देने में मदद करता है।
2. शारीरिक जीवन शक्ति को बढ़ाता है:
माना जाता है कि सिट्रीन का भौतिक शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, स्वस्थ पाचन का समर्थन करने और समग्र शारीरिक जीवन शक्ति को बढ़ावा देने में मदद करता है।
3. भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देता है:
कहा जाता है कि सिट्रीन नकारात्मक भावनाओं को छोड़ने और आत्मविश्वास, आत्म-मूल्य और सशक्तिकरण की भावनाओं को बढ़ावा देने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि यह चिंता, अवसाद और अन्य नकारात्मक भावनाओं को कम करने में मदद करता है, जबकि आंतरिक शांति और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देता है।
4. आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है:
सिट्रीन आध्यात्मिक अभ्यासों, जैसे ध्यान और ऊर्जा कार्य को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह सोलर प्लेक्स चक्र को खोलने में मदद करता है, जो व्यक्तिगत शक्ति और आत्मविश्वास से जुड़ा होता है, और उच्च चेतना के साथ गहरे संबंध को बढ़ावा देता है।
5. प्रचुरता को आकर्षित करता है:
माना जाता है कि सिट्रीन का प्रचुरता और समृद्धि के साथ एक मजबूत संबंध है। ऐसा कहा जाता है कि यह वित्तीय समृद्धि को आकर्षित करने तथा व्यापार और अन्य प्रयासों में सफलता को बढ़ावा देने में सहायक होता है।
सिट्रीन ब्रेसलेट कौन धारण कर सकता है?
अंक ज्योतिष के अनुसार citrine 8 भाग्यांक वाले लोगो के लिए विशेष लाभकारी होता है।
सिट्रिन धनु और मीन राशि वालों के लिए विशेष लाभ रहता है। कर्क, वृश्चिक लग्न वाले इस रत्न को पहन सकते हैं
वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि वालों को सिट्रिन ब्रेसलेट किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेकर ही पहनना चाहिए।
मेष राशि वालों के लिए सुनहला को मूंगा के साथ पहनने से फायदा देता है।
वृषभ राशि वालो को यह रत्न तभी पहनना चाहिए जब बृहस्पति उनकी जन्म कुंडली के 1, 2, 4, 5, 9वें भाव में स्थित हो।
सुनहला को मोती के साथ पहनने पर बेहतर परिणाम मिल सकता है।
सिंह राशि वालों के लिए सुनहला योग कारक है, इसलिए आप विशेष रूप से बृहस्पति की महादशा में माणिक्य के संयोजन के साथ इस रत्न को धारण करे।
कन्या राशि वालो को इस रत्न के वजन को ध्यान में रखकर इसे पहनना चाहिए तभी इसका लाभ होगा।
सिट्रीन ब्रेसलेट धारण करने की विधि
शुक्ल पक्ष के गुरुवार को प्रातः दैनिक पूजन के पश्चात अपने सामने एक तांबे की plate में अक्षत की ढेरी बनाएं।
ब्रेसलेट को शुद्ध जल या गंगाजल से धोकर इस ढेरी पर रख लें।
इसके बाद देव गुरु ब्रहस्पति और भगवान विष्णु का ध्यान करके ब्रेसलेट के ऊपर कुछ हल्दी से रंगे अक्षत छिड़के। फिर धूप दीप दिखाए तथा पीले पुष्प अर्पित करें।
इसके बाद किसी ब्रेसलेट को बाएं हथेली पर रखें और दाएं हाथ की मध्यमा और अनामिका उंगली से एक एक मनके को बारी बारी से स्पर्श करके प्रत्येक मनके पर 8 बार निम्न मंत्र का जाप करें।
उसके बाद ईश्वर को धन्यवाद देते हुए ब्रेसलेट को धारण कर लें
मंत्र :: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रूं गुरुवे नमः: ।।
विशेष :
- यदि आपको क्रोध ज्यादा आता है तो सिट्रिन को ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही पहनें।
- कोई भी रत्न ब्रेसलेट पुरुषों को दाएं हाथ और गृहणी महिलाओं को बाएं हाथ में पहनना चाहिए । किंतु कामकाजी महिला रत्न ब्रेसलेट दाएं हाथ में भी पहन सकती है
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